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Mind is Engaged in Self

मन आत्म में लीन भया, पाया सहज स्वरुप।

तेज तेज में मिल गया, एक आत्मा रूप।।

-ब्रह्मऋषि गीतानन्द सरस्वती-

Mind is engaged in self, found easy form.

Got in fast fast, a soul form. ।

– Brahma Rishi Geetananda Saraswati –

ब्रह्मऋषि गीतानन्द आश्रम के द्वारा, #कोरोना से भक्तो की रक्षा एवं विश्व शांति के लिए, श्री कृष्णेश्वर गीतानन्द महादेव स्वम्भुव ज्योतिर्लिंग का रुद्राभिषेक किया जा रहा है। और सभी भक्तों के स्वास्थ्य एवं बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र जाप अनुष्ठान भी किया जाएगा। आप सभी श्रद्धालु भक्तजन इस रुद्राभिषेक पूजा के लिए फेसबुक लाइव पर आज दोपहर 3:15 पर आमंत्रित हैं।

°°°°°°°°*रुद्राभिषेक का महत्त्व तथा लाभ*°°°°°°°°

भगवान शिव के अभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही ग्रह जनित दोषों और रोगों से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है।

रूद्रहृदयोपनिषद अनुसार – *सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:* अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रूद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रूद्र की आत्मा हैं।

भगवान शंकर सर्व कल्याणकारी देव के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनकी पूजा,अाराधना समस्त मनोरथ को पूर्ण करती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान शिव का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण होती हैं।

भगवान शिव को शुक्लयजुर्वेद अत्यन्त प्रिय है कहा भी गया है *वेदः शिवः शिवो वेदः* इसी कारण ऋषियों ने शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से रुद्राभिषेक करने का विधान शास्त्रों में बतलाया गया है यथा –

*यजुर्मयो हृदयं देवो यजुर्भिः शतरुद्रियै:। पूजनीयो महारुद्रो सन्ततिश्रेयमिच्छता।।*

शुकलयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी में बताई गई विधि से रुद्राभिषेक करनेसे विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

जाबालोपनिषद् में याज्ञवल्क्य ने कहा– शतरुद्रियेणेति अर्थात् शतरुद्रिय के सतत पाठ करनेसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

परन्तु जो यजुर्वेदीय विधि-विधान से पूजा करने में असमर्थ हैं या इस विधान से परिचित नहीं हैं वे केवल भगवान शिव के सप्ताक्षरी मंत्र अथवा गुरु मंत्र का जप करते हुए रुद्राभिषेक का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते है।

सोमवार, महाशिवरात्रि, प्रदोष और सावन मास, पर शिव-आराधना करने से महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होते है। शिव भक्त इस दिन शिवजी का अभिषेक करते हैं।

*क्या है रुद्राभिषेक ?*

रुद्राभिषेक अर्थात् शिवलिंग पर रुद्र मंत्रों द्वारा अभिषेक करना। यह पवित्र-स्नान रुद्ररूप शिव को कराया जाता है।

अभिषेक के कईं प्रकार होते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ उपाय है रुद्राभिषेक।

स्वयं अथवा विद्वानों के द्वारा करा सकते हैं। अपनी जटा में गंगा को धारण करने से भगवान शिव को जलधाराप्रिय माना गया है।

*रुद्राभिषेक क्यों करते हैं?*

रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रूद्र हैं और रुद्र ही शिव है।

रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: अर्थात रूद्र रूप में प्रतिष्ठित शिव हमारे सभी दु:खों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। अभीष्ट फल प्रदान करते हैं।

स्वयं भुव ज्योतिर्लिंग श्री कृष्णेश्वर गीतानन्द महादेव के अभिषेक से मनुष्य, पापों से मुक्त होकर विपुल धन-धान्य, विद्या, संतति आदि संसार के समस्त सुखों को प्राप्त कर,साक्षात् शिव की प्रसन्नता को प्राप्त करता है।

परम पिता परमात्मा से आप सभी के मंगल और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ।

 

हर हर महादेव

हर हर गुरुदेव

 

Rudrabhishek of Shri Krishneshwar Geetananda Mahadev Swambhuva Jyotirlinga is being performed by Brahma Rishi Geetananda Ashram, for the protection of devotees from #Corona and for world peace. And for the health and protection of all the devotees, Mahamrityunjaya Mantra chanting ritual will also be done. All the devotees are invited for this Rudrabhishek Puja on Facebook Live today at 3:15 pm.

°°°°°°° * Importance and benefits of Rudrabhishek * °°°°°°°°°

With the anointing of Lord Shiva, the desired fruit is obtained. Along with the same way, you get rid of the planet-born defects and diseases.

According to Rudrahridayopanishad – * Sarvadevatmako Rudra: Survey Deva: Shivatmaka means Rudra is present in the soul of all the gods and all the gods are the soul of Rudra.

Lord Shankar is iconic as Sarva Kalyanakari Dev. His worship, worship fulfill all desires. According to the theology, all the wishes are fulfilled soon by worshiping Lord Shiva.

Lord Shiva is very dear to Shuklayajurveda. Where has it been? * Veda: Shiva: Shivo Veda: * This is the reason why the sages have been told in the legislative scriptures to perform Rudrabhishek from Shuklayajurvediya Rudrashtadhyayi.

*यजुर्मयो हृदयं देवो यजुर्भिः शतरुद्रियै:। पूजनीयो महारुद्रो सन्ततिश्रेयमिच्छता।।*

Doing Rudrabhishek with the method mentioned in Shukalayajurvediya Rudrashtadhyayi gets special benefits.

In Jabalopanishad, Yajyavalkya said — By continuous reciting of Shatrudriyeneti, that is, Shatrudriya, you get salvation.

But those who are unable to worship the Yajurvediya law or are not familiar with this law can only get the full benefit of Rudrabhishek by chanting the weekly mantra of Lord Shiva or Guru Mantra.

On Monday, Mahashivaratri, Pradosh and Sawan month, Mahadev will be happy soon by worshiping Shiva. Shiva devotees perform the anointed of Lord Shiva on this day.

* What is Rudrabhishek?*

Abhishek by Rudra mantras on Rudrabhishek i.e. Shivling. This holy bath is done to Rudrarup Shiva.

There are many types of anointing. Rudrabhishek is the best way to please Shiva.

Can do it by self or by scholars. By wearing Ganga in his Jata, Lord Shiva has been considered as a waterfall.

* Why do you do Rudrabhishek?*

According to Rudrashtadhyayi, Shiva is Rudra and Rudra is Shiva.

Rutam-Duh Kham, Dravayati-Nashayatitirudra: i.e. the prestigious Shiva in the form of Rudra ends all our sorrows soon. Provide the desired fruits.

By the anointing of Bhuva Jyotirlinga Shri Krishneshwar Gitananda Mahadev, man gets free from sins and gets all the pleasures of the world, wealth, knowledge, children etc. and receives the happiness of Shiva.

With the wishes of good and good health to all of you from the Supreme Father God.

Good luck

Brahma Rishi #Gitananda _ Ashram